शार्ट स्टोरी लेखन चेलैन्ज भाग 6 मेरी पत्नी मेरा अभिमान
आज जब महेश घर आया तब उसने घर की काल बैल बजाई। दरवाजा खोलने उसकी पत्नी नीलिमा ही आई। जब वह अन्दर पहुँचा तो वहाँ अपने मम्मी पापा को देखकर आश्चर्य में पड़गया।
उसने मम्मी पापा के पैर छूकर उनसे पूछा ," आप कब आये।और अचानक कैसे सब ठीक है? "
हमें बहू ने बुलाया है और कहाँ है कि अब आप कहीं नहीं जायेगे यही रहोगे।"
महेश अपने मम्मी पापा के प्रति सेवा भाव दैखकर बहुत खुश हुआ और उसने नीलिमा पर गर्व महसूस किया।
महेश एक फैकट्री में काम करने लगा था। उसकी ड्यूटी बारह घन्टे की होती थी। उसके माता पिता गाँव में रहते थे ।उसे शहर में फैक्ट्री में काम मिल गया था परन्तु ड्यूटी बारह घन्टे की थी। सुबह आठ बजे से रात के आठ बजे तक की थी।
सुबह खाना लेकर आना पड़ता था रात को जाकर खाना पकाना बहुत मुश्किल था। पूरे दिन इधर से उधर भागमभाग से थक जाता था। अतः उसने अपनी परेशानी अपनी मम्मी को बताई।
उसकी मम्मी समझ गयी और बहू को साथ भेज दिया। जिससे उसे बहुत राहत मिलगयी। इस तरह जीवन यापन सहीं ढंग से हौने लगा। कुछ समय बाद एक बेटा भी आगया जिससे खुशिया बढ़गयी। अब वह कुछ पैसे अपने घर भी भेजने लगा था सभी कुछ सही चल रहा था।
परन्तु कुछ समय बाद महेश की पत्नी कविता का देहान्त होगया। अब महेश को अपने बेटे अमर को देखरेख करने की परेशानी आगयी।वह उसे गाँव भेज नही सकता था क्यौकि गाँव मे उसका बडा़ भाई रहता था उसीके पास मम्मी पापा रहते थे लेकिन उनकी उम्र भी अधिक थी जिससे वह उसे रखने में अस्मर्थ थे।
महेश ने उसे ननिहाल भेज दिया। अब महेश को पुनः खाने की परेशानी हौने लगी। एक दिन उसके एक साथी ने पूछा," महेश बुरान माने तो एक बात पूछू। "
वह बोला," पूछ मै तेरी बात का बुरा क्यौ मानूँगा।
उसका दोसात दिनेश बोला," तू खाने के लिए इतना परेशान रहता है तू दूसरी शादी करले। जिससे तेरी दो परेशानी दूर होजायेगी एक तो तुझे खाना बना हुआ मिलेगा दूसरी तेरे बेटे को ममाँ मिल जायेगी।"
महेश बोला," ना बाबा मै अमर के लिए सौतेली माँ नहीं लाऊँगा।"
दिनेश बोला," कोई लड़की देखकर लेआ सभी एक जैसी नही होती।"
महेश बोला " यार किसी के माथे पर तो लिखा नही होता सौतेली तो सौतेली ही होती है।"
दिनेश बोला," मेरी नजर मे है एक लड़की वह बहुत सरल स्वभाव की है मेरे पडौ़स में रहती है अभी एक साल पहले उसका तलाक हुआ है। तू कहे तो बात करूँ।"
महेश ने पूछा," तलाक क्यौ हुआ था।"
दिनेश ने बताया," उसका पति रात को शराब पीकर उसे मारता था।उसने तो कभी नही बताया यह बात उसके पडौ़सी ने उसके माबाप को बताई। जब वह मालूम करने गये तब उनको सब मालूम हुआ और अपनी बेटी को अपने साथ ही लेआये। और कुछ दिन बाद तलाक लेलिया उसके पति ने पंचायत में माफी मांगी परन्तु नीलिमा ने नही मानी।
महेश ने अपने मम्मी पापा को बताई और उनको लड़की दिखाई और उन्हौने हाँ करदी। इस तरह नीलिमा उसकी दूसरी पत्नी बनकर आगयी। यह सब आनन फानन में हुआ।
महेश ने अमर को नीलिमा को सौप दिया। नीलिमा ने अमर का दिल जीत लिया।आज नीलिमा ने महेश के माता पिता को चुपचाप अपने पास बुला कर महेश को सरप्रराईज दिया आज महेश को नीलिमा पर गर्व हो रहा था।
महेश के माता पिता भी नीलिमा की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। उसीने आज उनको शहर बुला लिया था।
नरेश शर्मा
30/04/2022
शार्ट स्टोरी लेखन चेलैन्ज भाग 6
जानर
सामाजिक
Seema Priyadarshini sahay
31-May-2022 10:52 AM
बेहतरीन रचना
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Sandhya Prakash
04-May-2022 06:27 PM
Good story
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Ali Ahmad
01-May-2022 05:13 PM
अच्छी है आपकी कहानी
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